अच्छी खबर: मजदूर दिवस पर चमोली प्रशासन ने गौचर राहत शिविर में ठहरे मजदूरों को घर भेजा - संजय कुंवर चमोली

मजदूर दिवस पर जिला प्रशासन ने राहत शिविर में रखे मजदूरों को बड़ा तोहफा दिया। गौचर राहत शिविर में पिछले तीन सप्ताह से रह रहे उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों के 21 मजूदरों को शुक्रवार को प्रशासन ने उनके घर भेजा। मजूदरों की घर जाने की स्वेच्छा को देखते हुए जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने 1 मई को उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों के 21 मजदूरों को गौचर से बस संख्या यूए-11-0907 से हरिद्वार भेजा गया। हरिद्वार से इन मजदूरों को उनके जिलों के लिए रवाना किया जाएगा। राहत शिविर से भेजे जाने से पूर्व मेडिकल टीम ने सभी मजदूरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। मजदूरों को खाना खिलाया गया और बकायदा रास्ते के लिए भी लंच पैकेट दिए गए। शिविर से जब मजदूरों को उनके घर तक जाने की व्यवस्था की गई तो सभी मजदूर भावुक हो गए। मजदूरों ने जिला प्रशासन द्वारा शिविर में दी गई सुविधाओं के लिए नमन करते हुए प्रशासन, पुलिस एवं स्वास्थ्य टीम का दिल से आभार व्यक्त किया।लाॅकडाउन के दौरान जिले में इधर उधर फंसे मजदूरों के लिए जिला प्रशासन ने गौचर राजकीय पाॅलिटेक्निक काॅलेज में राहत शिविर बनाया गया। इस शिविर में मजदूरों के लिए भोजन, मनोरंजन और ठहरने की व्यवस्था के अलावा मजदूरों को शारीरिक और मानसिक तौर पर फिट रखा गया। मजदूरों का दैनिक स्वास्थ्य परीक्षण भी किया जाता रहा। प्रशासन इन मजदूरों को नियमित योग और व्यायाम सिखाने के अलावा हर रोज इनकी काउसिलिंग भी करता रहा। राहत शिविर में ये सभी मजदूर अब एक परिवार की तरह रहने लगे थे और अब जब इनकी स्वेच्छा पर जिला प्रशासन ने इनको घर तक जाने की व्यवस्था की तो मजदूरों ने भावुक होकर प्रशासन की पूरी टीम का ह्नदय से अभार व्यक्त किया।तहसीलदार सोहन सिंह रांगड ने बताया कि गौचर राहत शिविर से उत्तर प्रदेश निवासी रंजीपाल, मौ0सलमान, असलम, ओमप्रकाश, हेमराज, राजेन्द्र सिंह, अमित कुमार, शुभम, प्रमोद, अवनीश, मुस्तकीम, नावेद, प्रेमपाल, रामेन्द्र, योगेश, योगेन्द्र, देवराज, मुकेश, मुन्नू, कुरबान तथा पंजाब निवासी प्यारा सिंह को उनके गतंब्य स्थानों को भेजा गया। 
रिलीफ सेंटर से विदा होते वक्त क्या कुछ कहा मजदूरों ने- मुरादाबाद के रंजीत पाल, सहारनपुर के अवनीश और बरेली के रामेन्द्र आदि ने शिविर से जाते वक्त कहा ‘‘साहिब आज तक हमने सिर्फ काम के बारे में ही सोचा था लेकिन इस शिविर में रहकर जीवन को समझने का अवसर मिला। राहत शिविर में प्रशासन की पूरी टीम ने हमारी हर तरह से मदद की। इसके लिए हम पूरी प्रशासन टीम को बहुत बहुत धन्यवाद करते हैं।