नर - नारायण बीच विष्णु जी महाधाम है,चंहु दिश गूंज रहा बदरीनाथ नाम है - शशि देवली

  • 💐जय बद्रीविशाल💐


नर - नारायण बीच
विष्णु जी महाधाम है
चंहु दिश गूंज रहा
बद्रीनाथ नाम है।


प्रदीप्त प्रकाश फैला
हिमाल जयकारा है
मुस्काती किरणों संग
अलका जलधारा।


घंटा ध्वनि बाजे नित
वेद मंत्र गाए जाते
सहस्रनामों के संग
देवर्षि हर्षाते हैं।


बैकुण्ठ की शोभा न्यारी
रत्न जड़ित भाल है
सुशोभित मुकुट है
कंचन कपाल है।


उद्धव जी भी साथ हैं
कुबेर का भंडार है
लक्ष्मी जी के वंदन से
सुहाग श्रृंगार है।


बद्रीश के शरणम्
त्रिलोक अचर- चर
महिमा सुनाते ऋषि
सकल मंगल है।


करहुं विनय हम
जंजाल हर लीजिए
प्रेम बिबस है मुख
ज्ञान ज्योत दीजिए।



शशि देवली
गोपेश्वर चमोली उत्तराखण्ड