तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट खुले - लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ! पंच केदारों में तृतीय केदार के नाम से विख्यात भगवान तुंगनाथ के कपाट बुधवार को 11:30 बजे लगनानुसार सादगी के साथ जय शंकर जय तुगनाथ बाबा के उदघोषों व वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये हैं। कपाटोट्टान के अवसर पर प्रशासन द्वारा नियमित देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी व तीर्थ पुरोहित ही मौजूद रहे इस दौरान लॉक डाउन के नियमों का सख्ती से पालन किया गया। बुधवार को तुगनाथ यात्रा के आधार शिविर चोपता में बह्मबेला पर पण्डित सतीश मैठाणी, प्रकाश मैठाणी, अजय मैठाणी, विनोद मैठाणी व सुरेन्द्र प्रसाद मैठाणी द्वारा पंचाग पूजन के तहत तैतीस करोड़ देवी - देवताओं का आवाहन किया गया तथा भगवान तुगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों का रुद्राभिषेक कर आरती उतारी तथा भगवान तुगनाथ की चल विग्रह उत्सव मूर्तियों को डोली में विराजमान कर चल विग्रह उत्सव डोली का वैदिक मंत्रोंच्चारण के साथ श्रृंगार कर पुनः आरती उतारी। भगवान तुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ठीक आठ बजे चोपता से धाम के लिए रवाना हुई तथा सुरम्य मखमली बुग्यालों में नृत्य करते हुए भुजगलि पहुंची तथ पंचनाम देवताओं को शीश नवाया। भगवान तुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली ने सुरम्य मखमली बुग्यालों व देव दर्शनी में विश्राम किया तथा स्थानीय वाध्य यंत्रों की मधुर धुनों के साथ अपने धाम पहुंच कर भगवान तुगनाथ के मुख्य मन्दिर सहित सहायक मन्दिरों की तीन परिक्रमा की, भगवान तुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के मन्दिर परिसर में प्रवेश करते ही भगवान तुगनाथ के कपाट लगनानुसार वैदिक मंत्रोंच्चारण तथ जय शंकर, जय तुगनाथ बाबा के उदघोषों के साथ पौराणिक परम्पराओं व रीति रिवाज के साथ ग्रीष्मकाल के लिए खोल दिये गये। कपाट खुलने के बाद मठापति राम प्रसाद मैठाणी व तीर्थ पुरोहित द्वारा भगवान तुगनाथ के स्वयं भू लिंग की पूजा - अर्चना, दान, कर आरती उतारी तथा श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक कर मनौती मांगी! कपाट खुलने के बाद भगवान तुगनाथ के स्वयं भू लिंग से भस्मी, चन्दन, व पुष्पों को श्रद्धालुओं को प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया, कपाट खुलने के बाद तहसील प्रशासन के निर्देश के अनुसार पांच हक - हकूधारी व तीन देव स्थानम् बोर्ड के अधिकारी, कर्मचारी तुगनाथ धाम में मौजूद रहेंगे। इस मौके पर कार्यालय अधीक्षक राजकुमार नौटियाल, तहसीलदार जयबीर राम बधाणी, शिव सिंह रावत, डोली प्रभारी यदु वीर पुष्वाण, प्रबन्धक प्रकाश पुरोहित, रमेश गोस्वामी मौजूद थे। दस कुंतल पुष्पों से सजाया मन्दिर -भगवान तुगनाथ के कपाट खुलने के पावन अवसर पर विगत वर्षों की भांति इस वर्ष भी ऋषिकेश गोविन्दा ग्रुप, एस एस असवाल, योगेन्द्र भण्डारी, बीरेंद्र कण्डारी,कीर्ती पंवार, अनूप रावत स्थानीय निवासी धीर सिंह नेगी, अनिल जिरवाण के प्रयासों से भगवान तुगनाथ के मन्दिर को दस कुन्तल फूलों से सजाया गया, नहीं सुनाई दिये पौराणिक जागर - विगत वर्षों की बात करे तो भगवान तुगनाथ की चल विग्रह उत्सव डोली के शीतकालीन गद्दी स्थल मार्कडेय तीर्थ मक्कूमठ से हिमालय के लिए रवाना होने से लेकर डोली के धाम पहुंचने तक विभिन्न गांवों की महिलाओं द्वारा भगवान तुंगनाथ की डोली की अगुवाई कर पौराणिक जागरों के माध्यम से भगवान तुगनाथ सहित तैतीस करोड़ देवी - देवताओं की महिमा का गुणगान किया जाता था मगर इस बार लॉक डाउन होने के कारण भगवान तुगनाथ की डोली के साथ सीमित श्रद्धालुओं के होने के कारण महिलाओं के पौराणिक जागर नही सुनाई दिये।