जिला कार्यालय कक्ष में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि गंगा किनारे व गंगा की सीमा पर बसे हुये गांव के ग्राम प्रधान, वन पंचायत, महिला मंगल दल को गंगा को स्वच्छ रखने हेतु गंगा जागरूकता का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रथम चरण में ग्रामीण क्षेत्रों में गंगा किनारे बसे गाँव, जहाँ के नालों/नदियों का गंदा पानी अनाधिकृत रूप से सीधा नदी में आ रहा है ऐसे सभी गांव को स्वजल विभाग द्वारा चिन्हित कर सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट व ठोस तरल अपशिष्ट प्रबन्धन की कार्य योजना बनाकर आवश्यक कार्यवाही की जाएगी। जिलाधिकारी ने कहा कि स्वजल विभाग आगामी बैठक से पूर्व निर्देशों का पालन कर आख्या उपलब्ध कराए अन्यथा वेतन पर रोक लगा दी जाएगी।
जनपद में अवस्थित समस्त होटल, लॉज, धर्मशाला के कूड़ा निस्तारण व सीवेज ट्रीटमेंट प्लान की पूर्ण जानकारी प्रत्येक होटल मालिक से ली जाय। होटल/लॉज मालिक पूर्ण जानकारी दे कि होटल के संचालन हेतु किस प्रकार से कूड़े व सीवेज का निस्तारण किया जा रहा है।
नगरीय क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारियों को प्रत्येक घर में अनिवार्य रूप से सीवेज पिट बनाने हेतु घर - घर जाकर अभियान चलाने के निर्देश दिए। कहा कि अधिकांश परिवारों ने पिट बना रखे है। जिन परिवारों के द्वारा लैट्रिन की निकासी के लिये पिट की व्यवस्था नहीं की गई है, ऐसे परिवारों के लिये ईओ अपने नगरीय क्षेत्रों में अभियान चलाकर अनिवार्य रूप से पिट बनवाने हेतु अभियान चलाए। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी वैभव कुमार, राजेन्द्र गोस्वामी सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
गंगा सीमा पर बसे गांवों के प्रतिनिधियों को गंगा स्वच्छ हेतु प्रशिक्षण दिया जाएगा : डीएम वंदना - लक्ष्मण नेगी की रिपोर्ट