विषय - भोले बाबा सुनो प्रार्थना
विधा - मुक्तक 16और 14 पर यति
केदार धाम में क्यों ऐसा, क्रूर सैलाब आया था ।
क्यों भक्तों से रुष्ट हुआ तू , बड़ा कहर बरपाया था ।
पल भर में कितने ही जीवन,वहीं काल का ग्रास बने।
तेरे द्वार से तेरा भक्त , वापस लौट न पाया था।1
कुछ तो भूल रही होगी पर , तू तो भोला बाबा है ।
तेरे तो मुख मंडल पर बस , दया प्रेम की आभा है ।
भक्तों पर फिर क्रोध किया क्यों ,भक्त तेरे अज्ञानी थे ।
या तुझे भक्तों की भक्ति में,दिखता कहीं छलावा है।2
टूटा नहीं फिर भी विश्वास, फिर से तेरा धाम सजा ।
जय भोले शंभु नाथ बाबा , उसी गूंँज से नाद बजा ।
भोले क्षमादान तू देना , फिर से भक्त पधारे हैं ।
ये विनती मेरी है तुझसे,नाथ मेरे रखना रजा । 3
स्वरचित
सुनीता सेमवाल "ख्याति "
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड