चमोली की शशि देवली को तीलू रौतेली सम्मान - अनुराग थपलियाल चमोली

चमोली : शशि देवली को तीलू रौतेली पुरस्कार --- साहित्य और सामाजिक क्षेत्र के लिए मिलेगा 



प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न क्षेत्रों  में उल्लेखनीय कार्य करने वाली 21 महिलाओं का चयन प्रतिष्ठित तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया गया। बृहस्पतिवार को महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास राज्यमंत्री रेखा आर्या ने वर्ष 2019-20 के लिए दिए जाने वाले इन पुरस्कारों के नामों की घोषणा की। 2019-20 के लिए  21 महिलाओं को तीलू रौतेली पुरस्कार और 22 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी अच्छा कार्य करने के लिए पुरस्कृत किया जाएगा। 8 अगस्त को इन महिलाओं को वर्चुअल माध्यम से पुरस्कृत किया जाएगा। तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए चयनित महिलाओं को 21 हजार की धनराशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है जबकि आंगनवाड़ी कार्यकर्ती को दस हजार की धनराशि और प्रशस्ति पत्र दिया जाता है।


जनपद चमोली के दशोली ब्लाॅक के गडोरा गांव निवासी शशि देवली का चयन साहित्य और सामाजिक क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य के लिए तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया गया है। जबकि अल्मोड़ा से प्रीति भंडारी, शिवानी आर्य, बागेश्वर से गुंजन बाला, चंपावत से जानकी चंद, चमोली से शशि देवली, देहरादून से उन्नति बिष्ट, संगीता थपलियाल, गीता मौर्या, हरिद्वार से पुष्पांजलि अग्रवाल, नैनीताल से कंचन भंडारी, मालविका माया उपाध्याय, पिथौरागढ़ से सुमन वर्मा, शीतल पौड़ी गढ़वाल से मधु खुगशाल टिहरी गढ़वाल से कीर्ति कुमारी, रुद्रप्रयाग से बबीता रावत, सुमती थपलियाल, ऊधमसिंह नगर से ज्योति उप्रेती अरोड़ा, मीनू लता गुप्ता, चंद्रकला राय और उत्तरकाशी से हर्षा रावत का चयन तीलू रौतेली पुरस्कार के लिए किया गया है।           


गौरतलब है कि सीमांत जनपद चमोली की प्रसिद्ध बंड पट्टी के गडोरा गांव निवासी शशि देवली का जन्म  25 फरवरी 1977 को केरल के तिरूवन्तपुरम में हुआ। शशि ने बीएससी की डिग्री देहरादून, एमए, बीएड, एमएड, शिक्षा विषारद की उच्च डिग्री प्राप्त की। शशि को बचपन से ही कविताएँ लिखने का शौक था। नौवीं कक्षा में उन्होने पहली रचना लिखी जिसे इनकी माँ ने बेहद सराहा और हौसलाफजाई की। माँ से मिली सराहना ने इनके कविमन के सपनों को पंख लगाये जिसके बाद इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। और एक - एक अल्फाजों को एक डायरी में संजोया जो आज इनके जीवन की अमूल्य निधि बन गई है। माता- पिता के आशीर्वाद और फिर शादी के बाद ससुराल में भी सास, ससुर और पति से मिले असीम प्यार, स्नेह, सहयोग और प्रेरणा ने शशि को लिखने को प्रेरित किया और हौंसलो को कभी कम नहीं होने दिया। शशि देवली के पति राकेश देवली राजस्व विभाग में नायब तहसीलदार घाट में कार्यरत हैं। शशि देवली वर्तमान में गोपेश्वर में निवासरत हैं।                    


साहित्य और समाजिक क्षेत्र में बनाई पहचान


लेखिका, कवित्री शशि देवली ने अपनी साहित्यिक गतिविधियों और सामाजिक क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बनाई। ये वर्तमान में अध्यापन का कार्य करती हैं। विभिन्न मंचों और कवि सम्मेलनों में इनकी कविताएँ यथार्थ और हकीकत का बोध कराती है। साथ ही विभिन्न पत्र पत्रिकाओं में इनकी कविताएँ और लेख लगातार प्रकाशित होते रही हैं। विभिन्न अवसरों पर इनके द्वारा जनजागरूकता अभियानों में सहभागिता, बेटी बचाओ बेटी पढाओं, मतदान, रक्तदान, स्वच्छता के प्रति लोगों को जागरूक किया गया। विभिन्न पत्र पत्रिकाओं व साझा संग्रहों में इनका नियमित लेखन है जबकि अपनी आवाज के माध्यम से विभिन्न रिपोर्ट एवं धार्मिक स्थलों का प्रचार प्रसार भी इनके द्वारा किया गया है।


प्रकाशित कृति 


शशि देवली की अभी तक विभिन्न कृतियां प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें मुड के देखना कभी, मन कस्तूरी, उड़ने की चाह (एकल काव्य संग्रह), इश्क़ से राब्ता (गजल संग्रह), अनकहे जज्बात, शब्दों के रंग, सत्यम प्रभात, रचना कवियों की, नन्ही परी, सफरनामा, गुलनार, मधुबन, वृक्ष वसुंधरा, आधी आबादी की यात्रा, ख्वाबों के शजर, महफ़िल ए गजल, अच्छे दिन की तलाश, देश के प्रतिनिधि सजलकर, नर्मदा के रत्न, सजल सप्तक 9, आत्म सृजन , सृजन संसार शामिल हैं।


 सम्मान
 
कवयित्री शशि देवली को साहित्यिक गतिविधियों के लिए विभिन्न सम्मानों से सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें रचना साहित्य सम्मान, युग सुरभि सम्मान, रचना साहित्य रत्न सम्मान, मां शारदे सम्मान, काव्य गौरव सम्मान, बंड गौरव सम्मान, महिमा साहित्य गौरव अलंकरण, N Y K द्वारा हिन्दी साहित्य सेवी सम्मान, पर्यावरण संरक्षण सम्मान, नवजागरण महिला मंच सम्मान, महिला मोर्चा भाजपा द्वारा सम्मान, अमर उजाला द्वारा प्रशस्ति पत्र, श्री देव सुमन विश्व विद्यालय द्वारा सम्मानित, साहित्य सारथी सम्मान, बण्ड गौरव सम्मान सहित विभिन्न पुरस्कार अभी तक मिल चुके हैं।