कुदरत का कहर : चमोली जिले में बारिश से भारी नुक़सान

बदरीनाथ हाईवे कई स्थानों पर रहा बाधित, काश्तकारी की भूमि को भी पहुंचा नुकसान


गोपेश्वर । चमोली जिले में बारिश कहर बनकर बरस रही है। जिससे पूरा जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जिले में हर रात्रि को रही बारिश से लोग सहमें हुए है। बुधवार की रात्रि को हुई भारी वर्षा के कारण बदरीनाथ हाईवे आठ से अधिक स्थानों पर बाधित रही। वहीं वर्षा के कारण काश्तकारी की भूमि, पैदल रास्तों, पुलिया, भी ध्वस्त हो गये है। वहीं कुरालु गांव में एक गौशाला भी क्षतिग्रस्त हो गई है जिसमें तीन मवेशी दब गये है। रात्रि से ही बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई है। वहीं पेयजल आपूर्ति तीन दिनों से बाधित चल रही है। 



आपदा परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार बदरीनाथ हाईवे गौचर, बाजपूर, क्षेत्रपाल, छिनका, भनेरपानी, टंगणी, पागलनाला, हेलंग व लामबगड में पहाड़ी मलवा आने के कारण बाधित चल रहा है। वहीं दशोली विकास खंड के कुरालु गांव में बुधवार की रात्रि तीन बजे हुई भारी वर्षा से एक गौशाला ध्वस्त हो गई है जिसमें तीन मवेशी दब कर मर गये है। आपदा पीड़ित सोबत लाल ने बताया कि कि उसके  दो बैल गाय भैंस सब मलबे में दफन हो गए हैं और काश्तकारी भूमि भी पूरी तरह से मलबे में दब गई है का कहना है कि रात को लगभग 3 बजे जो घटना हुई जिसमें उनको भारी नुकसान हो गया है । जिसकी इसकी सूचना उन्होंने प्रशासन को दे दी है। एक भवन को भी आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। रात्रि में लोगों ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचायी। इधर थराली विकास खंड के फल्दिया गांव में एक पुलिस तथा पैदल रास्ते क्षतिग्रस्त हो गये है। वहीं कई स्थानों पर काश्तकारों की कृषि योग्य भूमि बहने की सूचना भी मिल रही है। 



जिला मुख्यालय गोपेश्वर में रात्रि से ही विद्युत आपूर्ति बाधित चल रही है। साथ ही पेयजल लाइन क्षतिग्रस्त होने से तीन दिनों से पानी की आपूर्ति भी बाधित चल रही है। उपभोक्ता प्राकृतिक स्रोतों से पानी लाने के लिए मजबूर हो रहे है। हालांकि विभाग की ओर से पानी का टेंकर भी लगाया गया है। लेकिन टेंकर भी समुचित मात्रा में पेयजल उपलब्ध नहीं करवा पा रहा है।