~मैं पुलिस हूँ ~ ~
मैं पुलिस हूँ,
ना मेरे लिए गर्मी,
ना सर्दी,ना कोई बरसात है,
मुझे तो सिर्फ मेरा कर्तव्य याद है।
ना कभी थकता हूँ,
ना कभी रुकता हूँ,
हर वक्त रहता हूँ जवान,
यही है मेरी पहचान,
मैं पुलिस हूँ,यही मेरा कर्तव्य है ।।
वो अलार्म की आवाज,
जब गहरी नींद में कानों में बजती है,
वक्त हो चला ड्यूटी का,
फ़र्ज की वर्दी याद दिलाती है,
मैं पुलिस हूँ,यही मेरा कर्तव्य है,
हर वक्त एहसास कराती है ।।
सेवा,सुरक्षा,धर्म विश्वास है,
जनता चैन से जब सोती है,
किसी चौराहे में खड़ा हूँ ड्यूटी पर,
तब मन में खुशी सी होती है,
क्योंकि मैं पुलिस हूँ,यही मेरा कर्तव्य है,
हर वक्त एहसास कराती है ।।
चन्द्र मोहन सिंह
धारकोट किमसार