विषय- शिव शंकर
मात्रा - 1, 3,4,में 30 व दूसरे में 33 प्रत्येक चरण
1
जय नीलकंठ,जय काल कंठ,जय महाकाल, अजातारि ।
जय उमाकांत,जय उमानाथ,जय अभिराम, जटाधारी।
नाथ मैं तेरी शरण में हूंँ, सारे संकट हर ले तू।
बस तेरा मैं ध्यान करूंँ, ये जीवन हो तुझ पर वारी।
2
जय गोपीनाथ,जय काशीनाथ,जय उमापति,जय शिव शंकर।
जय अपानिधि,जय इंदुभूषण,जय
कपालपाणि जय गंगाधर।
मेरी नैया बीच भंँवर में है,स्वामी पार
लगा दो ना।
मेरी आशा के दीपक हो तुम,जय
वैद्यनाथ,इंदुशेखर ।
3
जय कामारि,जय कामरिपु,जय अमोघ
जय केदारनाथ।
जय उमेश,जय एकलिंग,जय महादेव, कैलाशनाथ।
बनी रहेगी दया तेरी,तो निश्चित है जीत मेरी।
तू मुझको झुकने न देना,रहना शिव शंकर तू साथ।
4
जय इकंग,जय उरगभूषण, जय विषकंठ,जय विषपायी।
जय यजंत, जय आशुतोष,जय क्षमाचार,जय वरदायी।
क्षमादान अब दे भोले, तू तो करुणा का सागर है।
तूने तो जगत का विष पिया, जब भी है विपदा आयी।
5
जय शितिकण्ठ, जय सदाशिव, जय मृत्युंजय, जय शिव शंकर।
जय वामदेव,जय खटवांगी,जय
पशुपति,जय शशिशेखर।
उदघोष शिवालय से कर तीनो लोकों की खुशियों का।
जय भूतपति, जय गणनाथ, अब कृपालू रूप में आकर।
स्वरचित
सुनीता सेमवाल "ख्याति"
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड