सराहनीय पहल : पांच दशक बाद बंड युवा संगठन द्वारा नंदा धाम कुरूड से अपनी ध्याण को बुलाया - संजय कुंवर

बंड युवा संगठन की पहल पर पांच दशक बाद युवाओं ने नंदाधाम सिद्ध पीठ कुरूड पहुंचकर अपनी ध्याण को बुला कर क्षेत्र की लोकजात परंपरा का निर्वहन किया।  सिद्धपीठ कुरुड़ में लोकपर्व वार्षिक लोकजात माँ नन्दाअष्टमी को कहते हैं। माँ नन्दा भगवती की अपार शक्ति के सामने सभी भक्तगण नतमस्तक होकर आशीर्वाद लेते हैं।



हर वर्ष  लोकजात यात्रा होती है,जिसे हम नन्दाअष्टमी का प्रारूप देते हैं।जो अगस्त माह से लेकर सितम्बर माह तक चलती है।जिसमे माँ नंदा की डोली व छंतोली हर वर्ष के भांति अपने मायके जाकर विभिन्न पड़ावों से गुजर कर वापिस अपने थान में पहुंचती है।लगभग 5 दशक के बाद बंड़ युवा संगठन बंड़ का प्रतिनिधित्व करके इस वर्ष अपने ध्याण माँ नंदा भगवती को बुलाने के लिए सिद्धपीठ कुरुड़ के बंड़ थान में गये।सिद्धपीठ कुरुड़ गौड़ पुजारियों का कहना है कि यह परम्परा जो बंड़ युवा संगठन ने प्रारंभ की हुई है।यह आगामी वर्षों में इसका सम्पूर्ण निर्वाहन पूरे बंड़ क्षेत्र की समस्त जनता और भी भव्य रूप से करेंगे।सिद्धपीठ कुरुड़ से बंड़ पुजारी राजेन्द प्रसाद,मोतीराम गौड़,कमलेश प्रसाद गौड़,प्रकाश गौड़,साथ ही साथ आशीष व नवीन बंड़ पट्टी भ्रमण हेतु आये हुए हैं।सिद्धपीठ कुरुड़ से बंड़ भूमि भ्रमण बंड़ भूमियाल और माँ नंदा का सिहांसन अपने छंतोली के साथ-साथ नरूली थान की ओर प्रस्थान करेगे।बता दें कि बंड़ पट्टी की ध्याण माँ नंदा प्रतिवर्ष लोकजात में अपने मायके बंड़ पट्टी भ्रमण को आती है। जिसमें निम्न पड़ाव होकर नन्दा सप्तमी जात के लिए नरूली बुग्याल में स्थित बंड़ की भगवती के थान में यात्रा सम्पन होगी।और नंदाअष्ठमी के दिन अपने सिद्धपीठ कुरुड़ थान में वापिस स्थापित होगी।



 बंड युवा संगठन के अध्यक्ष अजय भंडारी ने कहा कि सभी लोगों के सहयोग से यह कार्य हुआ है। इस अवसर पर सुधीर हटवाल,प्रदीप नेगी.अंकित रावत.अनुराग राणा.प्रभाकर भट्ट.नीरज राणा.विजय.अंकित नेगी.बीरेंद्र. सुभाष.अजय भंडारी.सभी लोग मौजूद रहे। उन्होंने भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष राजेन्द्र हटवाल का सहयोग के लिए विशेष आभार किया।    लोकजात के पड़ाव 
1. 16 अगस्त - कुरुड़ थान से बिरही होते हुए बटुला पड़ाव
2. 17 अगस्त - बटुला से सिरों(श्रीकोट) पड़ाव
3. 18 अगस्त - श्रीकोट से दिगोली  पड़ाव
4. 19 अगस्त - दिगोली से ल्वां, क्योठा, बैरानगुन होते हुए गडोरा पड़ाव
5.  20 अगस्त -  अगथला - पीपलकोटी  होते हुए नौरख पड़ाव
6.  21 अगस्त - नौरख से नन्दादेवी मंदिर रैतोली पड़ाव
7.  22 अगस्त - रैतोली से सला कम्यार पड़ाव
8.  23 अगस्त - कम्यार से किरुली गांव कोंटा मंदिर
9.  24 अगस्त - कोंटा मन्दिर से गोणा रामणी पड़ाव
10. 25 अगस्त - सप्तमी के दिन पंचगंगा होते हुए नरुली थान में पूजन