उर्गमघाटी में स्थित ध्यान बदरी में रात्रि जागरण कर कीर्तन भजन के साथ मनाया गया जन्माष्टमी पर्व - रघुबीर नेगी उर्गमघाटी

उर्गम घाटी में स्थित पंच बदरी में विराजमान श्री ध्यान बदरी मंदिर में कृष्ण जन्माष्टमी पर्व मनाया गया। भक्तों ने रात्रि जागरण कर भजन कीर्तन का आयोजन किया गया। भगवान भोलेनाथ ने पांडवों के अनुरोध पर मोक्ष दिलाने के लिए इसी स्थान पर भगवान नारायण का ध्यान किया था और भगवान नारायण ने प्रकट होकर पांडवों को मोक्ष के लिए बदरीनाथ जाने को कहा। स्वयं भोलेनाथ के साथ 12 महीने यहीं ध्यानमग्न हो गये जहाँ भोलेनाथ ने नारायण को एक रूप ध्यान बदरी के नाम से यहीं रहने को कहा। तब से ध्यान बदरी के समीप ही पश्चिम मुखी भगवान भोलेनाथ का ध्यानेश्वर महादेव के रूप में मंदिर है।



जिसके द्वार पश्चिम दिशा में खुलते हैं और भगवान ध्यान बदरी के पूरब दिशा में।उर्गम घाटी में पंचबदरी में पहला बदरी है ध्यान बदरी और पंचम केदार कल्पेश्वर महादेव भले ही पर्यटन विभाग एवं देवस्थानम बौर्ड पूर्व में बदरी केदारनाथ मंदिर समिति ने इसका नाम हटाकर योग बदरी और ध्यान बदरी एक साथ जोड दिया हो पर पुराणों में योग बदरी और ध्यान बदरी अलग अलग स्थान पर विराजमान हैं। योग बदरी और ध्यान बदरी एक साथ जोड़कर पर्यटकों को गलत जानकारी दी जा रही है! जबकि योग बदरी पाण्डुकेश्वर और ध्यान बदरी उर्गम घाटी में स्थित है।