सिचाई विभाग द्वारा घटिया निर्माण कार्य की जिला प्रशासन द्वारा जांच न होने से ग्रामीणों में आक्रोश -  लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

ऊखीमठ : तुंगनाथ घाटी की ग्राम पंचायत उषाडा के ताला तोक के निचले हिस्से व आकाशकामिनी नदी के किनारे विगत वर्ष सिचाई विभाग द्वारा लगभग 1 करोड़ 48 लाख रूपये की लागत से बने सुरक्षा दीवालों की जांच फाइलों में कैद रहने से जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है! ग्रामीणों का कहना है कि जिला प्रशासन सिचाई विभाग के अधिकारियों का पक्ष लेकर सुरक्षा दीवालों की जांच जानबूझकर कर फाइलों में कैद कर रहा है।


कहा कि यदि जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा दीवालों की निष्पक्ष जाँच कर दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही नहीं की गयी तो ग्रामीणों को न्यायालय की शरण लेने के लिए बाध्य होना पड़ेगा! मिली जानकारी के अनुसार ताला तोक  के निचले हिस्से व आकाशकामिनी नदी के किनारे वर्ष 1992 से भूघसाव हो रहा था। ग्रामीणों की मांगों पर शासन द्वारा वर्ष 2018 में ताला तोक के निचले हिस्से व आकाशकामिनी नदी के किनारे सुरक्षा दीवालों के निर्माण के लिए 1 करोड़ 48 लाख रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी गयी थी तथा सुरक्षा दीवालों के निर्माण कार्य का जिम्मा सिचाई विभाग को दिया गया था। सुरक्षा दीवालों के निर्माण कार्य का जिम्मा मिलते ही वर्ष 2019 के अप्रैल महीने में सिचाई विभाग द्वारा सुरक्षा दीवालों का निर्माण कार्य शुरू तो किया गया था मगर सुरक्षा दीवालों के निर्माण कार्य में भारी अनिमिताये बरती गयी।


ग्रामीणों का आरोप है कि शासन द्वारा स्वीकृत 1 करोड़ 48 लाख रुपये की धनराशि धरातल पर कब और अधिकारियों की जेबों में अधिक व्यय हुईं हैं जिससे कई विभागीय अधिकारी मालामाल बन गये! ग्रामीणों का आरोप है कि सुरक्षा दीवालों के निर्माण कार्य में गुणवत्ता न होने के कारण इस बरसात में सारी सुरक्षा दीवाले धडाम हो गयी जिससे ताला तोक में भूधसाव होने से 91 परिवार खतरे की जद में आ गये हैं।14 अगस्त को क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन को छह सूत्रीय ज्ञापन भेजकर ज्ञापन के बिन्दु संख्या पांच में 1 करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से बनी सुरक्षा दीवालों की जांच की मांग की गयी थी तथा 22 सितम्बर को सारी गाँव में जिलाधिकारी वन्दना सिंह की अध्यक्षता में आयोजित जनता दरबार में पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य नन्दन सिंह रावत ने भी सुरक्षा दीवालों की निष्पक्ष जाँच की मांग की थी मगर लम्बा समय व्यतीत होने के बाद भी सुरक्षा दीवालों की जांच की मांग फाइलों में कैद रहने से जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में आ गयी है! ग्रामीण महिपाल बजवाल का कहना है कि सिचाई विभाग द्वारा सुरक्षा दीवालों के निर्माण के दौरान आकाशकामिनी नदी के किनारे बेवजह अवैध खनन करने से आज ताला तोक के 91 परिवार खतरे की जद में आ गयें है