तुंगनाथ घाटी के गांवों में भगवती नंदा देवी का क्षेत्र भ्रमण, गांवों में उत्साह व रौनक - लक्ष्मण नेगी ऊखीमठ

ऊखीमठ : इन दिनों तुंगनाथ घाटी के विभिन्न गाँवों में भगवती नन्दा के आगमन से गांवों का वातावरण भक्तिमय बना हुआ है। लॉकडाउन के बाद विरान पड़े गांवों में अब रौनक लौटने तो लगी है मगर अभी भी ग्रामीण कोविड 19 के भय से कम संख्या में नन्दा कौथिग में शिरकत कर रहे हैं। 30 अक्टूबर को नन्दा तुंगनाथ घाटी के विभिन्न गांवों का भ्रमण कर विदा होगी। मक्कू गाँव में जगत कल्याण के लिए तपस्यारत होगी। भगवती नन्दा के आगमन से ग्रामीणों में भारी उत्साह बना हुआ है। भगवती नन्दा पूजन में हर गाँव में अलग - अलग परम्परायें हैं।                                  


दशकों से चली आ रही परम्परा  के अनुसार प्रतिवर्ष भगवती नन्दा अपने पूजा स्थल मक्कू गाँव से शरादीय नवरात्रों की अष्टमी की तिथि पर विभिन्न गांवों के भ्रमण पर निकलती है। इसी परम्परा के तहत इस वर्ष भगवती नन्दा का मायके भ्रमण 24 अक्टूबर से शुरू हुआ था तथा ग्वाड दिलणा होते हुए प्रथम रात्रि प्रवास कान्डा गाँव में हुआ। भगवती नन्दा के आगमन पर महिलाओं द्वारा मांगल गीतों से अगुवाई करने की परम्परा है, तथा ग्रामीणों द्वारा सामूहिक अर्ध्य लगाकर क्षेत्र की खुशहाली की कामना की जाती है।जानकारी देते हुए पूर्व विधायक आशा नौटियाल ने बताया कि भगवती नन्दा के आगमन से हर गांव में रौनक रहती है तथा ग्रामीणों में भाईचारा बना रहता है। जिला पंचायत सदस्य रीना बिष्ट ने बताया कि भगवती नन्दा के आगमन मांगल गीतों की परम्परा आज भी जीवित है। प्रधान महावीर नेगी ने बताया कि भगवती नन्दा हूण्डू , उषाडा , दैडा गाँवों का भ्रमण कर ग्रामीणों को आशीष देती है। प्रधान संगठन मिडिया प्रभारी योगेन्द्र नेगी, प्रधान कुंवर सिंह बजवाल ने बताया कि सोमवार को भगवती नन्दा का आगमन रात्रि प्रवास के लिए उषाडा गाँव में हो गया है। मंगलवार को उषाडा गाँव से विदा होकर रात्रि प्रवास के लिए दैडा गाँव पहुंचेगी। प्रधान मनोरमा देवी ने बताया कि 28 अक्टूबर को भगवती नन्दा का आगमन पर्यटक गाँव सारी में होगा! दिलवर सिंह नेगी, गजपाल भटट् ने बताया कि 29 अक्टूबर को सारी गाँव में भगवती नन्दा का भव्य मेला लगेगा तथा बगड्वाल नृत्य का आयोजन भी किया जायेगा। उन्होंने बताया कि 30 अक्टूबर को भगवती नन्दा सभी गाँवों से विदा होकर मक्कू गाँव में तपस्यारत हो जायेगी।