औली : एफआईसी नंदादेवी स्कीइंग स्लोप पर लगे यूरोपीय आर्टिफीशियल स्नो मेकिंग सिस्टम पर लगा ग्रहण,7 करोड़ खर्च 7इंच बर्फ नही जमा सकी स्नो गनें
इंटरनेशनल स्की फैडरेशन की नंदादेवी स्कीइंग स्लोप औली में एक दशक से मूकबघिर हालत में चुप्पी साधे स्नोगन मशीनों में लगा जंग,बेहतर तापमान के बाद भी सफेद हाथी साबित हो रहा औली का स्नो मेकिंग सिस्टम।
यहाँ लगी स्नो गन मशीनें माईनस तापमान के बाद भी बर्फ बनानें में नाकाम,औली के खूबसूरत नंदादेवी स्की स्लोप पर सालों से औली में ऑटो मोड पर लगी ये मशीनें संभंधित विभाग के लिए कांमधेनु का काम कर रही है।वही बताया जा रहा है कि एकबार फिर से इन बंजर मशीनों से बर्फ बनाने के लिए फिजूल खर्ची कर विदेशी इंजीनियरों को औली बुला खानापूर्ति का खेल दोहराया जा रहा है,आप इन तस्वीरों में औली की बर्फ़ीली ढलानो में जो बर्फ देख रहे है वो इन करोड़ो रुपयों के कृत्रिम खिलौनों से नही बनी है ये प्रकृति की देन कुदरती बर्फबारी है।जो हर साल समय पर बर्फ बारी कर इन करोड़ों की लागत के विदेशी खिलौनों की नाकामयाबी पर पर्दा डाल देती है।करीब साढ़े 6 करोड़ की लागत से सैफ विंटर गेम्स 2010-11 में खरीदी गई थी ये दोयम दर्जे की आर्टिफीशियल स्नो मेकिंग मशीनें,आज तक स्लोप पर बर्फ जमाने में सफल नही हो पाई है।
पर्यटन विभाग विदेशी टेकनिशियनों पर करोड़ों रुपये स्नोगन मेंटनेस के नाम पर करा चुका है खर्च,लेकिन ये विदेशी इंजीनीयर भी इन सेकिंड हैंड विदेशी बर्फ़ीले खिलौनों से आठ नम्बर के स्लोप तक महज कुछ इंच पानी लगा पाला ही जमा सकी,औली में ये 18 स्नोगन और 4स्नो बूमर स्नो मेकिंग सिस्टम1350मीटर लंबे औली के नंदादेवी स्की स्लोप पर लगी है 18 स्नोगन और 4 मोबाइल गन मशीनें,10वर्षो से गूंगी बहरी खड़ी है ये स्नो गन मशीनें औली की स्की स्लोपो पर, बिना कृत्रिम बर्फ के औली में नही हो पा रही इंटरनेशनल FIS रेस सहित अन्य इंटरनेशनल प्रतियोगिताएं