औली गोरसों क्षेत्र "प्रकृति पर्यटन" रूट से पिकनिक स्पॉट में हुआ तब्दील,मखमली बुग्यालों में पसरा टनों प्लास्टिक कूड़ा,पालिका द्वारा 5 कुंतल कूड़ा का किया निस्तातरण
पर्यटन स्थल औली सहित जोशीमठ औली रोड के 16 किलोमीटर के दायरे में तमाम पार्कों और व्यू पॉइंट पर पर्यटकों ने फैलाई गंदगी,औली सहित सुनील रोड पर कई प्राकृतिक व्यू पॉइंट पर हिमालय सहित बर्फ़ीली चोटियों का दीदार के लिए रुकने वाले पर्यटकों और तेज गानों की आवाज के साथ पिकनिक मनाने आने वाले दोपहिया चोपहिया वाहनो से हुड़दंगबाज युवाओं द्वारा पिछले एक माह से जोशीमठ से औली तक प्रकृति पर्यटन प्रदूषण फैलाया हुआ है ! वहीं पालिका प्रशासन इस क्षेत्र से कूड़ा निस्तातरण लगातार कर रहा।
लेकिन10किलोमीटर तक फैले बुग्याली सरहद में एकसाथ नजर रख कर साफ सफाई करना पालिका के पर्यावरण मित्रों को बड़ी चुनोती साबित हो रही है।पर्यटकों द्वारा औली रूट पर पालिका के कूड़ा दानों में कूड़ा फेंकने के बजाय बुग्याली क्षेत्र में खुले में कूड़ा फेंका जा रहा है। पिकनिक और पार्टी करने वाले कुछ पर्यटकों द्वारा औली में लगे ग्लास हाउस में जमकर पिकनिक मनाने के साथ सारा कूड़ा कचरा वहीं छोड़ देने से इन ग्लास हॉउस में रोज गंदगी हो रही है।बिना रख रखाव और सुरक्षा के इन जगह पर प्रकृति पर्यटन का लुफ्त उठाने वाले औली गोरसों आने वाले पर्यटकों को काफी दिक्कतें हो रही है।जगह - जगह पलास्टिक कूड़ा कचरा,खाली बोतले,सहित खुले में शौच करने से यहाँ का वातावरण प्रदूषित हो रहा है,पूरा बुग्याल दुर्गंध से हाल बेहाल है।पैदल रास्तों सहित व्यू पॉइंट पर पसरे गंदगी कचरों से बैठना दूभर हो गया है,आप इन तस्वीरो में देख सकते की पिछले एक माह से पर्यटकों नें औली की खूबसूरती के साथ कितना खिलवाड किया है।नगर पालिका के पर्यावरन मित्र कड़ी मेहनत से 6किलो मीटर में फैले इस बुग्याली क्षेत्र से कल सोमवार को इस बिखरे 5 कुंतल कूडे को उठा कर जोशीमठ ला चुके हैं,फिर भी औली गोरसों रूट पर लगातार गंदगी हो रही जिसका जवाब देही किसकी है ये आप सब समझ सकते हैं।नगर पालिका जोशीमठ द्वारा कल भी सफाई अभियान चला कर यहाँ से करीब 5कुंतल कूड़ा उठाया गया है,बावजूद इसके लगातार जोशीमठ औली गोरसों रूट पर पसरा कूड़ा पर्यटकों और कुछ हद तक हमलोगो की प्रकृति के प्रति बरती जा रही लापरवाही का सबूत है।
औली आने वाले कुछ हुड़दंगी पर्यटकों सहित अन्य लोगों ने औली की प्राकृतिक सुंदरता पर दाग लगाना शुरू कर दिया है! बता दें की पिछले एक माह से जोशीमठ से औली गोरसों कुवारी पास तक करीब 20हजार से अधिक पर्यटकों की आवाजाही हुई है, इतनी संख्या में यहाँ पहुँचे पर्यटकों ने औली गोरसों बुग्याल की वहन क्षमता से अधिक दोहन प्रकृति का दोहन किया है,औली से गोरसों तक के रूट पर पर्यटकों द्वारा अपनी निशानी के तौर पर बुग्यालों में प्लास्टिक कूड़ा करकट और गंदगी का नायाब तोहफ़ा छोड़ दिया है,यहाँ दिसंबर माह से अब तक कई टन जैविक और अजैविक कूड़ा बुग्यालों की गोद में खुला फैला दिया है।प्रकृति पर्यटन के नाम पर अब यहाँ पिकनिक पर्यटन के लिए सैलानी पहुँच रहे हैं और यहाँ के शांत मनोरम बुग्यालों में प्लास्टिक कूड़ा कचरा का ग्रहण लगा वापस लौट रहे हैं,हालाँकि नगर पालिका परिषद जोशीमठ भी औली क्षेत्र से साफ सफाई के साथ कूड़ा निस्तारण कर रही है। लेकिन क्या ये सिर्फ पालिका का दायित्व् है पर्यटकों और अन्य संस्थानों का कोई फर्ज नही बनता है,पर्यटकों को औली गोरसों घूमने में कोई मनाही नही है लेकिन उन्हे चाहिए की अपने साथ वो सिर्फ बुग्यालों में अपने पद चिन्ह छोड़े कूड़ा नही।औली को बदरंग करने के लिए आने वाले सैलानियों और अन्य हुड़दंग बाजों पर प्रशासन को पैनी नजर रखनी चाहिए और औली गोरसों क्षेत्र को प्रकृति पर्यटन के लिए बनाये रखने की जरूरत है उसको गोवा,थाईलैंड, न बनाएं पिकनिक के लिए जोशीमठ में अन्य डेस्टिनेशंन मौजूद हैं।